राजनीती हमारे देश का भविष्य है ।

Thursday 27 March 2014

आम जनता का वोट किसको ? NDA या UPA को?

पिछले 2 -4 साल से हम सब बाते कर रहे है की देश में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, गरीबी और महंगाई बढ़ गई है । बेरोजगार की संख्या बढ़ गई है । और ये सरे दोष हम UPA की सरकार यानि की कांग्रेस की सरकार को दे रहे है । और क्यों न दे । क्यूंकि सत्ता ने तो वही लोग थे । तो जवाब देही भी उनकी ही बनती है । लेकिन सिर्फ कांग्रेस की सरकार को दोष देने से कुछ नहीं होगा । जो भी छोटे - छोटे दल UPA में थे वो सारे उसके कसूर वार है । सभी राजनितिक पार्टिया जो UPA में थी वो सारे जिम्मेदार है देश की आर्थिक दूर दशा के लिए ।

आज पुरे देश में कांग्रेस विरोधी हवा है । और देश का काफी बड़ा तबका BJP और नरेंद्र मोदी कि तरफ देख रहा है । और उनमे अपने सपने देख रहा है । और ये स्वाभाविक भी है । क्यूंकि देश की दुशरे नंबर की पार्टी है । और जिस तरह से नरेंद्र मोदी ने गुजरात मॉडल को अपना हथियार बनाया है उस तरह से वो सबसे बेहतर विकल्प के तोर पे उभरे है । ये अब काफी हद तक दिख भी रहा है की देश में NDA कि सरकार बनने जा रही है । और लोग सोच रहे है कि पिछले 10 साल में जो हम देश के लोग ने भुगता है वो आगे भुगतना न पड़े ।

हम जानते है की हिंदुस्तान की राजनीति में राजनितिक पार्टिया अपने दल बदलती रहती है । हमे एक और बात का भी ध्यान होना चाहिए की भ्रष्टाचार करने वाले सिर्फ़ कांग्रेस नहीं थी उसके साथ जुडी सभी पार्टीया भी उसमे सही भगीदार थी । लेकीन आज देश के सामने उभरे हुवे बेहतर विकल्प यानि कि NDA (BJP) उसमे हमारे दल बदलू पार्टी UPA को छोड़ के सामिल हो रही है । उसमे कई पार्टीया है । यानि के जो सारे नेता कल तक UPA में बेठ के गफले कर रहे थे और BJP उसका विरोध कर रही थी, विपक्ष में बेठ कर । आज वही सारे लोग दूध से धुले हो गए और सभी को नाकि NDA में सामिल किया, लेकिन काफी सारे लोगो को BJP का टिकिट भी दिया । और जिसको नहीं दिया उसके लिए अपनी बीजेपी कि सीट को छोड़ दिया ।

हम देश कि जनता बेहतर विकल्प के तौर पर जो भाजपाइयो को चुन रहे है , वही लोग हमे विकल्प के तौर पर UPA के पुराने भ्रष्ट नेता ही दे रहे है । अगर मेरी नजर से देखा जायेतो ये हमे पे हस रहे है और केह रहे है "की आप जितना भी चिल्लाओ हम सरे एक ही रहेंगे और आप लोगो को लूट ते रहेंगे । इसी तरह से हम आपको मुर्ख बनाते रहेंगे और आप बनते रहोगे । " हम देश की जनता अपना बेहतर भविष्य जिस पार्टी में देख रही है वही पार्टी देश के पाखंडीओ को अपने दल में सामिल कर रही है । नरेद्र मोदी ने अपने हर एक भाषण में UPA के गोटाला के बारे में चिल्ला - चिल्ला के बोल रहे है । और वही भ्रष्ट लोगो को NDA राष्ट्रिय अध्यक्ष राजनाथ सिंह अपने दल में सामिल कर रहे है । यानि के कल को उठ के वो दल बदलू नेता कोई भी बुरा काम करे तो BJP के पास अभी से जवाब है की वो तो राजनाथ सिंह ने स्वागत किया था मोदी जी ने नहीं ।

हम देश के लोग पिछले 67 से युही मुर्ख बनते आ रहे है । और इस बार थी यही हो रहा है । उदहारण के तौर पे कहु तो राम विलाश पासवान जो कल तक UPA में थे और उनको BJP सांप्रदायिक लगती थी । आज वही BJP उनको सबसे बेहतर लगती है. क्यूंकि अब NDA की सरकार बनने जा रही है । तो पैसे खाने में कोई रूकावट न आजाये । और जवाब भी देखो उनका की बेटे चिराग को BJP बेहतर लगती है इस लिए हम यहाँ आ गए । यही पक्ष कोई भी आजाये हमारा काम होना चाहिए । राम कृपाल यादव, लालू प्रसाद यादव के भाई जो NDA में सामिल होने के एक हप्ते पहले मोदी को कोस रहे थे जेसे ही NDA में आये और अपना सूर बदल लिया और मोदी अच्छे लगने लगे । दग्गुबति पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश से मेंबर, कल तक कांग्रेस कि वफादार नेता थी आज वो NDA में है । राओ इंदरजीत सिंह कांग्रेस के गुरगांव, हरियाणा के लोक सभा अध्यक्ष है । उसी गुरगांव में रोबर्ट वाड्रा ने जमीन का इतना बड़ा घोटाला किया था । आज वो NDA में सामिल हो गए । सतपाल महाराज कांग्रेस की टिकिट से लोक सभा पोहचे थे । आज वो NDA में सामिल हो गए, और सबसे अस्चर्य की बात ये है की उनकी पत्नी आज भी कांग्रेस में ही है । इसका मतलब ये कि सरकार किसी कि भी बने उनको तो फायदा ही है । बाकि जनता भाड़ में जाये । संजय काका पाटिल ये कल तक NCP की टिकिट से MLA थे, वो भी NDA में सामिल हो गए । ये वही NCP है शरद पवार की जो देश का सबसे बड़ा भ्रष्ट नेता है । विट्ठल रादडिया और राजेश वर्मा इन्होने भी BJP ज्वाइन कर ली । सबसे अस्चर्य कि बात तब थी की जगदम्बिका पाल ने कांग्रेस को छोड़ के बीजेपी ज्वाइन की । ये वही जगदम्बिका पाल है जो कल्याण सिंह के वक़्त पर उत्तर प्रदेश के मुख्या मंत्री बने थे और बीजेपी के सबसे लोक आदरणीय अटल बिहारी वाजपयी उनके खिलाफ धरना करने बेठे थे । क्या आज सत्ता कि लालच में भाजपा ने अटल बिहारी बाजपयी के उसूल को भी ताक पे रख दिया या फिर ये कहना चाहती है की अटल बिहारी बाजपयी उस वक़्त गलत थे ? ये सूचि इतने तक सिमित नहीं है ये अभी भी बढ़ रही है, और लम्बी हो रही है । कल तक बीजेपी चिल्ला - चिल्ला के केह रही थी की इन लोगो को वोट मत देना । आज वही बीजेपी उन सभी भ्रष्ट नेताओ का प्रचार कर रही है और प्रचार नहीं तो उनके लिए चुनावी जमीन तैयार कर रही है ।

धीरे धीरे ये समाज आने लगा है कि ये लोग हमे मुर्ख बनाने लगे है । हम हमारे नेता में हमारा और हमारे देश का भविष्य देखते है लेकिन ये सब इस बात को सुन कर हम पर हॅस रहे है । ये अपने राजनितिक फायदे के लिए कुछ भी कर सकते है ।

इसी लिए किसी को भी वोट देने से पहले उसके चरित्र और उसके काम काज के ऊपर जरुर ध्यान रखना । याद रखना सही उमीदवार चुनना हमारा हमारा कर्त्तव्य है । हम सब ने पिछले 10 साल केसे गुजरे है वो वोट देने से पहले जरुर यद् कर लेना । आपका वोट पुरे देश का भविष्य है ।

बाकी तो आप ये भी केह सकते है की हमारे देश में लोकशाही है और कोई भी कुछ भी कर सकता है ।

जाते जाते रवीश कुमार की एक बात याद आ गई, जरा ध्यान से सुनना " मुफत में कोई वोटर नहीं बनता । "







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